महाकुंभ 2025 ई-पास: महाकुम्भ मेला 2025 में ई-पास कैसे बनवाएं,कितने रंग के होंगे ई-पास और क्या है उपयोग

 

महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में किया जाएगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेने की योजना बना रहे हैं। भीड़ को नियंत्रित करने और सुविधाओं को व्यवस्थित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-पास सिस्टम लागू किया है। इससे मेले में आने वाले लोगों की सही जानकारी रखी जा सकेगी और व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में मदद मिलेगी।

ई-पास क्यों जरूरी है?
महाकुंभ में लाखों लोगों के एक साथ पहुंचने से ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ई-पास की सुविधा शुरू की गई है। इसके मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:

✅ भीड़ को नियंत्रित करना: ई-पास सिस्टम से लोगों की एंट्री को मॉनिटर किया जा सकता है, जिससे अत्यधिक भीड़ से बचा जा सकेगा।
✅ ट्रैफिक मैनेजमेंट: महाकुंभ के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या आम होती है। ई-पास से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ अधिकृत वाहनों को ही अनुमति दी जाए।
✅ सुरक्षा: यदि कोई अप्रिय घटना होती है, तो ई-पास से वहां मौजूद लोगों की पहचान आसानी से हो सकती है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
✅ व्यवस्था में सुधार: इससे मेला क्षेत्र में काम करने वाले विक्रेताओं, पुलिस बल, मीडिया और आपातकालीन सेवाओं को सुचारु रूप से अपनी सेवाएं देने में मदद मिलेगी।

ई-पास किन लोगों को मिलेगा?
महाकुंभ के दौरान हर कोई इस पास का उपयोग नहीं कर सकता। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो आयोजन से जुड़े हैं, जैसे:

वीवीआईपी (हाईकोर्ट जज, सरकारी अधिकारी, विदेशी मेहमान, अप्रवासी भारतीय)
धार्मिक संगठन और अखाड़े
मीडिया और पत्रकार
मेला क्षेत्र में सेवाएं देने वाले विक्रेता
पुलिस और सुरक्षा बल
आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग

ई-पास के रंग और उनकी उपयोगिता

महाकुंभ 2025 में ई-पास कुल 6 रंगों में उपलब्ध होंगे, जिनका वितरण अलग-अलग वर्गों के लिए किया गया है:

🔲 सफेद ई-पास – हाईकोर्ट जज, वीआईपी, विदेशी राजदूत और अप्रवासी भारतीयों को दिया जाएगा। इससे उन्हें मेले में कहीं भी आने-जाने की छूट होगी।
🟧 भगवा ई-पास – धार्मिक संगठनों, अखाड़ों और साधु-संतों के लिए आरक्षित होगा।
🟡 पीला ई-पास – विक्रेता, फूड कोर्ट और दूध बूथ जैसी सेवाओं से जुड़े लोगों को मिलेगा।
🔵 आसमानी नीला ई-पास – मीडिया और पत्रकारों के लिए होगा, जिससे वे मेले की रिपोर्टिंग कर सकें।
🔷 नीला ई-पास – पुलिस बल और सुरक्षा कर्मियों के लिए आरक्षित होगा।
🔴 लाल ई-पास – आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को मिलेगा, ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपनी सेवाएं दे सकें।

ई-पास के लिए आवेदन कैसे करें?
अगर आप महाकुंभ 2025 में किसी सेवा या कार्य से जुड़े हैं और ई-पास प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया:
1️⃣ आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – यूपी सरकार की वेबसाइट या महाकुंभ 2025 की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें https://epass.kumbh25.in
2️⃣ रजिस्ट्रेशन करें – अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी जानकारी भरें।
3️⃣ जरूरी दस्तावेज अपलोड करें – पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
4️⃣ आवेदन सबमिट करें – सभी जानकारी सही भरने के बाद आवेदन सबमिट करें और अपने ई-पास का स्टेटस चेक करें।
5️⃣ ई-पास डाउनलोड करें – स्वीकृति मिलने के बाद आप अपने ई-पास को डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं।

महाकुंभ में टेंट और अन्य सुविधाएं
ई-पास के अलावा, श्रद्धालुओं के लिए विशेष टेंट सिटी बनाई गई है। यहां रहने, खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था होगी। आप भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट indianrailways.gov.in से इन टेंटों की बुकिंग कर सकते हैं।

महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ई-पास सिस्टम लागू किया गया है। यह पास 6 रंगों में उपलब्ध होगा और अलग-अलग वर्गों के लोगों को दिया जाएगा। अगर आप महाकुंभ में शामिल होने जा रहे हैं और किसी विशेष सेवा से जुड़े हैं, तो आपको ऑनलाइन आवेदन करके अपना ई-पास प्राप्त करना होगा। इससे यात्रा आसान और सुरक्षित होगी।

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